फॉस्फीन गैस अपनी अत्यधिक विषाक्तता के लिए जानी जाती है.
एक्सपोज़र आम तौर पर साँस लेने के माध्यम से होता है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और श्वसन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. इसके परिणामस्वरूप चेतना का स्तर कम हो सकता है और श्वसन क्रिया कम हो सकती है.