डीजल की तुलना में गैसोलीन में आग लगने की संभावना अधिक होती है. गैसोलीन का इग्निशन पॉइंट ऊपर होने के बावजूद 400 डिग्री सेल्सियस और डीजल खत्म 200 डिग्री सेल्सियस, गैसोलीन कहीं अधिक आसानी से प्रज्वलित होता है.
गैसोलीन का क्वथनांक काफी कम होने का मतलब है कि यह तेजी से हवा में वाष्पित हो जाता है, ज्वलनशील वाष्प बनाना, इसे डीजल की तुलना में अधिक अस्थिर बनाता है, जो कम आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है.